वाईफाई कैसे काम करता है और यह कैसे शुरू हुआ? | How Wi-Fi works? Information in Hindi - Grekky Gyan : हिंदी में ज्ञान

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Friday, September 28, 2018

वाईफाई कैसे काम करता है और यह कैसे शुरू हुआ? | How Wi-Fi works? Information in Hindi

आज भारत अपने कदम डिजिटल इंडिया की ओर लेके जा रहा है और भारत मे वाईफ़ाई (वाई - फाई) की खपत बहुत ज्यादा तेज़ी से बढ़ती जा रही हैं और आज भारत के हर घर, रेलवे, होटल, और कुछ बस स्टॉप पर वाईफ़ाई (वाई - फाई) सेवाएं का इस्तेमाल किया जाता हैं। मगर लोग यह नहीं जानते की वाईफाई कैसे काम करता है और इसकी शुरुआत क्यों और कैसे हुई।
वाईफाई कैसे काम करता है और यह कैसे शुरू हुआ? How Wi-Fi works? Information in Hindi

वाईफाई कैसे काम करता है?
वाईफ़ाई राऊटर डिवाइस में रेडियो आवृति (फ्रीक्वेंसी) लगी होती है जिसकी मदद से वाईफ़ाई राऊटर अपने सिग्नल फैलाता है। आज इसके बारे मे अच्छे से जानेंगे की राऊटर कैसे काम करता है। आज भारत मे हर कोई कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल और वायरलेस प्रिंटर का इस्तेमाल कर रहा है और यह टैकनोलजी हर घर, दफ्तर, विश्रामालय और बहुत सी जगह पर देखि जाता है। राऊटर दो विषय पर काम करता है पहले है रिसीवर जो वाईफ़ाई के अंदर डाटा को लेता हैं और दूसरा भेजनेवाला जो डाटा वाईफ़ाई के अंदर है उसको रेडियो आवृति (फ्रीक्वेंसी) के जरिये भर भेजना। उदाहरण के लिए जब किसी नदी मे पत्थर मरता है ओर वो पत्थर जहा गिरता है वह से पानी मे तरंग निकलती है वे तरंग वह से निकल कर फलती है और किनारो से जा कर भी टकराती है। तो कुछ ऐसे ही काम करता है आपका वाई - फाई। जहा पर अपने वाई - फाई राऊटर लगाया है वह से तरंग निकल कर कुछ दुरी तक फलती है अगर आप पानी की तरह भी वाई - फाई से निकलती तरंग देख पाते तो कुछ ऐसे ही नजर आती। आप जितना वाई - फाई के पास रहेंगे उतनी ही ज्यादा आपके वाई - फाई का इंटरनेट तेज़ी से चलेगा और उतने ही ज्यादा सिगनल मिलेंगे।

वाई - फाई कैसे शुरू हुआ?
अमेरीका मे वाई - फाई शुरूआत १९८५ (1985) मे की गयी. जब अमेरिका की संघीय संचार आयोग दुवारा यह घोषणा की गयी कोई भी वियक्ति या कंपनी वायरलेस सेवा जिसमे ९०० (900)मेगाहर्ट्ज़, २.४ (2.8)गीगाहर्ट्ज़ और ५.८ (5.8)गीगाहर्ट्ज़ के नेटवर्क को बिना किसी अनुज्ञाप‍त्र के इस्तेमाल कर सकते है। वाई - फाई की शुरुआती समाये मे इस टैकनोलजी मे बहुत सी खराबी थी जैसे वाईफ़ाई का कोई स्तर ना होने के कारण इसको अन्य कंपनी के यंत्र के साथ जोड़ने मे बहुत परेशानी होती थी। इसके बाद इसका एक स्तर बनाया गया और सभी कंपनी के यंत्र इसकी वजह से आसानी से जोड़े जा सकते थे। वाई - फाई के शुरुवाती दौर मे एक स्तर बनाया 802.11 जिसकी डेटा स्थानांतरण करने की अधिक्तम गति प्रति सेकंड २ (2)मेगाबाइट की थी। इसके बाद बहुत से स्तर का अविष्कार हुआ और आज हम जो वाई - फाई राऊटर का इस्तेमाल करते है वे 802.11बी है जो बहुत सस्ता और गति मे बहुत तेज़ था इसलिए यह बहुत कम अवधि मे प्रसिद्ध हो गया और आज हम सभी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

वाई - फाई के क्या फायदे है?
  1. लागत
  2. गति
  3. उपयोग करने में आसान है
  4. तार रहित

१. लागत
वाई - फाई की लागत बहुत कम है इसलिए आज पूरी दुनिया मे इसका उपयोग किया जा रहा है। आज यह भारत के गॉव मे भी देखने को मिलता है। लोग इसका इस्तेमाल करना बहुत पसंद करते है और आज भारत मे बहुत सी कंपनी जो इंटरनेट सेवा देती है बे भी अपना एक वाई - फाई राऊटर फ्री मे देती हैं।

२. गति
आज वाई - फाई की गति बहुत तेज़ हो गयी है इसलिए इसको इंटरनेट चलने के लिए सबसे अच्छा यंत्र मन जाता हैं।

३. उपयोग करने में आसान है
वाई - फाई को उपयोग करना बहुत आसान है। अगर अपने एक नया वाई - फाई राऊटर लिया है तो उसको बस डिब्बे से बहार निकाल कर उसको दिए गए तार के साथ जोड़ कर उसको बिजली के स्विच मे लगा दे और इंटरनेट के तार को राऊटर के वायरलेस लैन से जोड़ ले और राऊटर के बटन को खोल दे और अपने फ़ोन, लैपटॉप, कंप्यूटर मे पासवर्ड डाल कर जोड़ कर सकते हैं।

४. तार रहित
वाई - फाई के आने से इंटरनेट का इस्तिमाल बिना तारो के होने लगा जिससे घर के एक कौने पर वाई - फाई राऊटर पर घर के दूसरे कौने पर बिना तार की मदद से चलाया जाने लगा।

आज इस लेख मे अपने वाई - फाई कैसे काम करता है और यह कैसे शुरू हुआ इसके बारे मे जान गए हैं। अगर आपको वाई - फाई से जुड़े या किसी अन्य टेक्नोलॉजी के बारे मे जानने के लिए आप हमको कॉन्ट्रैक्ट कर सकते है निचे कमेंट करके या संपर्क करें प्रपत्र भर कर भी कर सकते हैं।

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