कंप्यूटर में सेकेंडरी मेमोरी क्या होती है? | What is Secondary Memory in Computer? Information in Hindi - Grekky Gyan : हिंदी में ज्ञान

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Thursday, September 27, 2018

कंप्यूटर में सेकेंडरी मेमोरी क्या होती है? | What is Secondary Memory in Computer? Information in Hindi

नमस्ते, आज मैं आपको द्वितीय मेमोरी के बारे मे बताने वाला हु। की सेकेंडरी मेमोरी क्या होती हैं? और इसके कितने प्रकार होते हैं?। सेकेंडरी मेमोरी कंप्यूटर मे कहां देख सकते है?। मैंने पिछले लेख मे आपको प्राइम मेमोरी के बारे मे बताया है अगर आपने अभी तक प्राइम मेमोरी के बारे मे नहीं पढ़ा हैं तो आप उसको पढ़ सके हैं।

कंप्यूटर मे सेकेंडरी मेमोरी हार्ड ड्राइव को कहते हैं परन्तु इसको कंप्यूटर का भाग नहीं माना जाता हैं कियोकि इसको कंप्यूटर से अलग और तार का इस्तेमाल करके जोड़ा जाता हैं। यह प्राइम मेमोरी से बहुत अलग होती हैं और यह अपने अंदर कोई भी फाइल को बहुत लम्बे समय तक ये अपने अंदर रख सकती हैं। प्राइम मेमोरी मे जब हम कंप्यूटर को बंद करते हैं तो वह अपने अंदर से सब फाइल को मिटा कर फ्री हो जाती हैं परन्तु सेकेंडरी मेमोरी अपने अंदर फाइल सहेजने के बाद उसको अपने अंदर लम्बे समाये तक रख सकती हैं जब तक उसको कंप्यूटर उपयोगकर्ता खुद नही मिटाये।

सेकेंडरी मेमोरी के कितने प्रकार होते हैं?
  • हार्ड-डिस्क
  • फ्लॉपी-डिस्क
  • ऑप्टिकल डिस्क जिसको सीडी या डीवीडी कहते हैं
  • पेन ड्राइव या फ़्लैश ड्राइव

हार्ड डिस्क क्या है? और यह कैसे काम करती हैं?
आज के समये मे हमने अपने कंप्यूटर और लैपटॉप मे हार्ड डिस्क को देखते हैं परन्तु अभी तक आप में से बहुत कम लोगों ने हार्ड डिस्क को खोला होगा। मैंने एक बार अपने लैपटॉप की हार्ड डिस्क को खोला था यह जाने के लिए इसके अंदर क्या होता हैं। हार्ड डिस्क खोलने के बाद मे उसके अंदर एक चुंबकीय सीडी होती हैं जो सख्त धातु से बानी होती हैं और उसके ऊपर ही एक सूई जैसी धातु चिपकी रहती हैं। जब हम कंप्यूटर आपको चलाते हैं तब चुंबकीय सीडी बहुत तेजी से घूमना चालू होती हैं यह एक सेकेंडरी मे ५२०० चक्कर लगाती हैं। यह अपने अंदर कोई भी छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी फाइल सेव कर सकती हैं। यह आपको ८० जीबी से ५००० जीबी तक देखने को मिलती हैं जिसकी कीमत उसकी घूमने की तेजी और उसकी जीबी पर निर्भर करती हैं।

फ्लॉपी डिस्क क्या है? और इसके अंदर कितनी संचयन किया जाता सकता हैं?
पहले के समये मे, फ्लॉपी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था परन्तु अब इसको बनाना बंद कर दिया गया है और अब यह आपको किसी भी कंप्यूटर मे देखने को नहीं मिलती है। इस सेकेंडरी मेमोरी को पहले के समाये मे बहुत इस्तेमाल किया जाता था और कंप्यूटर मे एक अलग से फ्लॉपी ड्राइव आती थी जैसे सीडी के लिए आज भी आती हैं परन्तु यह ज्यादा समाये तक बाजार मे रहे नहीं पायी क्योंकी इसकी बहुत सी खामिया थी जैसे इसकी संचयन सीमा तीन एमबी थी जो की बहुत कम थी।

ऑप्टिकल ड्राइव क्या है? और यह कैसे काम करती है?
हम सभी ने गेम खेलने के लिए चलचित्र देखने के या फिर सॉफ्टवेयर को डालने के लिए सीडी या डीवीडी का इस्तेमाल जरूर किया होगा। ऑप्टिकल ड्राइव यानि कोई सीडी या डीवीडी होती हैं जो की प्लास्टिक से बानी होती हैं इसको आसानी से तोडा जा सकता हैं और इसकी कीमत हार्ड डिस्क के मुकाबले बहुत कम होती हैं। जब आप सीडी को कंप्यूटर मे डालते हैं तो उसके अंदर एक लेंस लगा हुआ होता हैं जो सीडी के अंदर की फाइल को पढ़ सकता हैं यहाँ लेंस सब डाटा पढ़ कर आपके कंप्यूटर मे दिखा देता हैं और इसकी मदद से आप किसी डाटा का खाली सीडी मे भी संचयन कर सकते हैं।

पेन ड्राइव या फ़्लैश ड्राइव क्या है? और यह कैसे काम करती हैं?
फ़्लैश ड्राइव को हम पेन ड्राइव के नाम से जानते हैं इसका आविष्कार १९९८ (1998) मे हुआ था और इसमें एक चिप सर्किट बोर्ड के साथ जुडी होती हैं जिसमें यह अपनी फ़ाइल को रखती हैं। उस समये बहुत धनी लोग या बड़ी बड़ी कंपनी ही करती थी कियोकी इसकी कीमत बहुत ज्यादा थी और इसकी संचयन शक्ति बहुत सिमित थी जैसे ८  (8) एमबी से  ६४ (64) एमबी तक था। परन्तु आज सभी लोग इसका इस्तेमाल करते हैं उसकी वजह यह ही की इसकी कीमत अब बहुत कम हैं और संचयन शक्ति बहुत अधिक हैं जैसे २ (2) जीबी से २५६ (256) जीबी मे उपलब्ध हैं।

अपने इस लेख मे सेकेंडरी मेमोरी के बारे मे जाना हैं अगर आपको किसी और विषय के बारे मे जानना हो तो आप हमको निचे कमेंट बॉक्स मे लिख कर बता सकते हैं या फिर संपर्क करें प्रपत्र के जरिये आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।

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