नमस्ते, सभी लोगो ने कंप्यूटर मे सुना होगा मुख्य यानि प्राइम मेमोरी या करंट मेमोरी लगी होती है। मगर आपमें से बहुत लोगो को इस बात का पता नहीं है की प्राइम मेमोरी या करंट मेमोरी किसे कहते है। काफी लोग हार्ड डिस्क को ही प्राइम मेमोरी समझते है परन्तु ऐसा बिलकुल भी नहीं है। सबसे पहले मैं आपको यह बताता हु की प्राइम मेमोरी किसको कहा जाता है। जब भी आप लोग बाजार मैं कंप्यूटर लेने जाते होंगे वह अपने रैम खरीदी होगी दो जीबी, चार जीबी या आठ जीबी तो उसको ही प्रीमेरी मेमोरी बोलते है। आज हम इसके बारे मैं ही जानेंगे की इसको प्रीमेरी मेमोरी क्यों कहा जाता है और इसके कंप्यूटर मैं कितने काम होते है।
रैम कैसे काम करती है
सब लोग यह जानते है, कंप्यूटर और मोबाइल मे अधिक रैम होने से कंप्यूटर की रफ़्तार ज्यादा तेजी होती है। जी हाँ यह बात बिलकुल सही है कंप्यूटर मे ज़्यादा रैम होने से कंप्यूटर ज्यादा तेजी से काम करता है मगर ऐसा क्यों होता हैं की ज्यादा रैम लगाने से कंप्यूटर की रफ़्तार बढ़ती हैं। मैं आपको उदाहरण दे कर समझाता हु, मान लीजिये आपके पास दो जीबी का कंप्यूटर हैं और उसमें ऑपरेटिंग सिस्टम स्थापित किया हैं और ये ऑपरेटिंग सिस्टम दो जीबी रैम मे से एक जीबी इस्तेमाल मे लेता हैं अब कंप्यूटर के पास एक जीबी रैम खाली रहती हैं। अब जब आप कंप्यूटर मे कोई सॉफ्टवेयर चलाएंगे तो उस सॉफ्टवेयर को आपकी रैम से ८०० एमबी लेगा और अब कुल रैम इस्तेमाल होगी १८०० एमबी और खाली रैम मेमोरी बचेगी २०० एमबी। ऐसी इस्तिति मे आपके कंप्यूटर की रैम भर जाति है जिसके कारण आपका कंप्यूटर धीरे चलता है। मगर अगर आपके कंप्यूटर मे ४ जीबी रैम लगी हैं तो आपका कंप्यूटर स्थिर तरीके से चलेगा और इसके साथ ही आप कंप्यूटर मे और भी मल्टीटास्किंग कर सकते हैं। इसलिए कहा जाता हैं रैम जितनी ज्यादा होती आपका कंप्यूटर और फ़ोन उतना तेज़ चलेगा और आप आसानी से मल्टीटास्किंग कर सकते हैं।
रैम कितने प्रकार ही होती हैं
आप मे से बहुत काम लोग जानते होंगे की रैम के तीन प्रकार होते हैं। पहली होती हैं डायनेमिक रैम दूसरी होती हैं सिंक्रोनस रैम और तीसरी होती है स्टैटिक रैम। इन तीन रैम का मूल्य और विशेषताएं अलग होती हैं।
१. डायनेमिक रैम
इस रैम को हम ज्यादा तर अपने कंप्यूटर मे इस्तेमाल करते हैं कियोकी यह अन्य रैम से सस्ती होती हैं। इस रैम का आप जब भी इस्तेमाल करते हैं तो आपको कंप्यूटर को बार बार रिफ्रेश करने की जरुरत होती हैं जैसे की अक्सर हम अपने कंप्यूटर और लैपटॉप मे करते हैं। यह बाकि रैम से धीमी गति से काम करती हैं और यह अन्य रैम के मुकाबले कम समय के लिए चलती हैं।
२. सिंक्रोनस रैम
सिंक्रोनस रैम डायनेमिक रैम से ज्यादा तेज़ी होती हैं और यह ज्यादा तेज़ी से रिफ्रेश होती हैं और इसकी कीमत डायनेमिक रैम से थोड़ी ज्यादा होती हैं।
३. स्टैटिक रैम
इस स्टैटिक रैम को बार बार रिफ्रेश करने की जरुरत नही होती हैं इसलिए यह बहुत तेज़ गति से काम करती हैं। इसका मूल्य डायनेमिक रैम से ज्यादा होता हैं। इसको एक बार लगाने के बाद यह बहुत लम्बे समय के लिए चलती हैं।
आज अपने प्राइम मेमोरी यानि रैम के बारे मे बहुत कुछ नया जाना हैं जैसे रैम कंप्यूटर मे कसे काम करती हैं और इसके कितने प्रकार होते हैं। अगर अभी भी आपको रैम के बारे मे और जानना हो तो आप हमको निचे लिखा कर बता सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब जल्दी से देंगे।
रैम को रैंडम एक्सेस मेमोरी क्यों कहते है
रैम भी एक मेमोरी ही होती है मगर इसमें आप कोई भी फाइल सेव नहीं कर सकते है इसलिए इसको रैंडम एक्सेस मेमोरी कहा जाता है क्युकी ये अपने अंदर कोई भी डाटा या फाइल को रख नहीं सकती है। जब आप कोई कंप्यूटर चालू करते है तब यह तब यह कुछ कार्यक्रम को रैम मैं स्टोर करती है और जैसे ही आप अपना कंप्यूटर बंद कर देते है तो ये वो सब डाटा अपने अंदर से मिटा देती है इसलिए इसको करंट मेमोरी भी कहते है।रैम कैसे काम करती है
सब लोग यह जानते है, कंप्यूटर और मोबाइल मे अधिक रैम होने से कंप्यूटर की रफ़्तार ज्यादा तेजी होती है। जी हाँ यह बात बिलकुल सही है कंप्यूटर मे ज़्यादा रैम होने से कंप्यूटर ज्यादा तेजी से काम करता है मगर ऐसा क्यों होता हैं की ज्यादा रैम लगाने से कंप्यूटर की रफ़्तार बढ़ती हैं। मैं आपको उदाहरण दे कर समझाता हु, मान लीजिये आपके पास दो जीबी का कंप्यूटर हैं और उसमें ऑपरेटिंग सिस्टम स्थापित किया हैं और ये ऑपरेटिंग सिस्टम दो जीबी रैम मे से एक जीबी इस्तेमाल मे लेता हैं अब कंप्यूटर के पास एक जीबी रैम खाली रहती हैं। अब जब आप कंप्यूटर मे कोई सॉफ्टवेयर चलाएंगे तो उस सॉफ्टवेयर को आपकी रैम से ८०० एमबी लेगा और अब कुल रैम इस्तेमाल होगी १८०० एमबी और खाली रैम मेमोरी बचेगी २०० एमबी। ऐसी इस्तिति मे आपके कंप्यूटर की रैम भर जाति है जिसके कारण आपका कंप्यूटर धीरे चलता है। मगर अगर आपके कंप्यूटर मे ४ जीबी रैम लगी हैं तो आपका कंप्यूटर स्थिर तरीके से चलेगा और इसके साथ ही आप कंप्यूटर मे और भी मल्टीटास्किंग कर सकते हैं। इसलिए कहा जाता हैं रैम जितनी ज्यादा होती आपका कंप्यूटर और फ़ोन उतना तेज़ चलेगा और आप आसानी से मल्टीटास्किंग कर सकते हैं।
रैम कितने प्रकार ही होती हैं
आप मे से बहुत काम लोग जानते होंगे की रैम के तीन प्रकार होते हैं। पहली होती हैं डायनेमिक रैम दूसरी होती हैं सिंक्रोनस रैम और तीसरी होती है स्टैटिक रैम। इन तीन रैम का मूल्य और विशेषताएं अलग होती हैं।
- डायनेमिक रैम
- सिंक्रोनस रैम
- स्टैटिक रैम
१. डायनेमिक रैम
इस रैम को हम ज्यादा तर अपने कंप्यूटर मे इस्तेमाल करते हैं कियोकी यह अन्य रैम से सस्ती होती हैं। इस रैम का आप जब भी इस्तेमाल करते हैं तो आपको कंप्यूटर को बार बार रिफ्रेश करने की जरुरत होती हैं जैसे की अक्सर हम अपने कंप्यूटर और लैपटॉप मे करते हैं। यह बाकि रैम से धीमी गति से काम करती हैं और यह अन्य रैम के मुकाबले कम समय के लिए चलती हैं।
२. सिंक्रोनस रैम
सिंक्रोनस रैम डायनेमिक रैम से ज्यादा तेज़ी होती हैं और यह ज्यादा तेज़ी से रिफ्रेश होती हैं और इसकी कीमत डायनेमिक रैम से थोड़ी ज्यादा होती हैं।
३. स्टैटिक रैम
इस स्टैटिक रैम को बार बार रिफ्रेश करने की जरुरत नही होती हैं इसलिए यह बहुत तेज़ गति से काम करती हैं। इसका मूल्य डायनेमिक रैम से ज्यादा होता हैं। इसको एक बार लगाने के बाद यह बहुत लम्बे समय के लिए चलती हैं।
आज अपने प्राइम मेमोरी यानि रैम के बारे मे बहुत कुछ नया जाना हैं जैसे रैम कंप्यूटर मे कसे काम करती हैं और इसके कितने प्रकार होते हैं। अगर अभी भी आपको रैम के बारे मे और जानना हो तो आप हमको निचे लिखा कर बता सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब जल्दी से देंगे।
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