आज भारत डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहा है परन्तु आज भी लोग कंप्यूटर से अच्छी तरह परिचित नहीं हुए हैं। वे कंप्यूटर चलाना तो सिख गए है मगर उन्हें कंप्यूटर सिद्धांत का अच्छे से ज्ञान नहीं है अगर अभी भी किसी से यह प्रश्न किया जाता है की आउटपुट डिवाइस क्या होते है? तो वे इसका उतर देने मे असमर्थ रहते है। इस लेख के जरिये मेरा उद्देश्य लोगो को आउटपुट डिवाइस की जानकारी देना है की कंप्यूटर मे आउटपुट डिवाइस क्या है और किस यंत्र को आउटपुट डिवाइस कहा जाता है। आउटपुट डिवाइस के बारे मे जान्ने से पहले आपको इनपुट डिवाइस के बारे मे भी जानना चाहिए।
कंप्यूटर मे बहुत सरे डिवाइस जोड़े जाते है मगर जिस यंत्र के दुवारे हम कंप्यूटर को इनपुट देते है जैसे कीबोर्ड, माउस, स्कैनर आदि। इन यंत्र दुवारा इनपुट को लेने के बाद यह परिणाम दिखते है वे आउटपुट डिवाइस होते है जैसे हम कीबोर्ड पर लिखने के बाद स्क्रीन पर परिणाम दीखता है इसलिए स्क्रीन को आउटपुट डिवाइस कहते हैं। या फिर जब हम किसी दस्तावेज़ का प्रिंट आउट निकलते है तो इसमे प्रिंटर आउटपुट डिवाइस हैं। अब आप समझ गए होंगे की जो इनपुट करने पर आउटपुट दे वे आउटपुट डिवाइस होता हैं।
आउटपुट डिवाइस के प्रकार
१. प्रिंटर
कंप्यूटर द्वारा दस्तावेज़ की जानकारी दी जाने पर प्रिंटर दस्तावेज़ को छापने का काम करता है। कंप्यूटर पर रखा गया दस्तावेज़ सॉफ्टकॉपी कहलाती और वही दस्तावेज़ को प्रिंटर दुवारा छापने पर वे हार्डकॉपी बन जाती हैं। ऑफिस और बड़ी बड़ी कंपनी मे दस्तावेज़ को हार्डकॉपी और सॉफ्टकॉपी के नाम से जाना जाता है। अगर आपसे कोई दस्तावेज़ की हार्डकॉपी मांगे तो आप उस दस्तावेज़ का प्रिंटआउट निकल कर देंगे। प्रिंटर को आप छू सकते है इसलिए यह आउटपुट डिवाइस हैं।
२. मॉनिटर (स्क्रीन)
मॉनिटर से हर कोई परिचित है अगर कंप्यूटर मे कोई काम चल रहा है तो वे हम मॉनिटर के दुवारा देख सकते है। कंप्यूटर की शुरुआत में मॉनिटर बिलकुल टीवी जैसे ही दीखते था परन्तु आज बाजार मे बहुत प्रकार के मॉनिटर मिलते है जैसे एलसीडी, एलईडी और पहले इस्तेमाल होने वाला सीआरटी मॉनिटर जिसको अब बंद कर दिया गया है। जब हम किसी कंप्यूटर मे लिखते है तो वे इनपुट डिवाइस से निकल कर सी पी यू मे जाता है और सीपीयू से निकल कर वे मॉनिटर मे जाता है जिसके जरिये हम देख पाते हैं। अगर अब अभी इस लेख को पढ़ पा रहे है तो वे भी मॉनिटर के जरिये ही पढ़ पा रहे है।
३. प्रक्षेपण-यंत्र (प्रोजेक्टर)
आज स्कूल, कॉलेज और कंपनी मे प्रक्षेपण-यंत्र (प्रोजेक्टर) का इस्तेमाल हो रहा है। अगर अपने किसी प्रोजेक्ट को देखा होगा तो आपको पता होगा की वे काम केसे करता है। मगर जिन लोगो को नहीं पता मै उनको बता दू जैसे एक मॉनिटर काम करता है बिलकुल उसी तरह प्रक्षेपण-यंत्र काम करता है। आपने कंप्यूटर से एक वीजीए तार को जोड़ना होता है जैसे हम मॉनिटर मे जोड़ते है और प्रोजेक्ट आपके कंप्यूटर की स्क्रीन को कॉपी करके सामने लगी दीवार पर दिखा देता है। अभी इसकी कीमत आम लोगों के लिए थोड़ी ज्यादा रहती है इसलिए इसक इस्तेमाल भारत देश मे बहुत कम किया जाता हैं।
४. स्पीकर
सभी लोगों को गाने सुनने का रूचि है और आज भारत के हर घर मे साउंड सिस्टम मिल जाते है। साउंड सिस्टम को कंप्यूटर मदरबोर्ड के साथ एक तार के साथ जोड़ा जाता है जिसकी मदद से साउंड सिस्टम मे ध्वनि डेटा जाता है और साउंड सिस्टम के माधियम से बहार आता है। कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर एक साउंड कार्ड लगा होता है जिससे जब हम कंप्यूटर मे कोई गाना चलते है तो वे साउंड कार्ड के जरिये स्पीकर मे जाता है और हमको वे आवाज सुनाई देती हैं।
५. हेड फोन्स
एक हेड फोन्स स्पीकर की तरह ही काम करते है मगर स्पीकर पुरे घर मे अपनी आवाज फैलते है परन्तु हेड फोन्स से आवाज आपके कानो तक सिमित रहती है। हैडफ़ोन का तार और स्पीकर का तार एक जैसे ही होते है इसलिए आप हेडफोन्स को कंप्यूटर, लैपटॉप और किसी भी फ़ोन के साथ जोड़ सकते है।
आज इस लेख के जरिये हमने आउटपुट डिवाइस के बारे में जानकारी दी है। अब आपको अच्छे से आउटपुट डिवाइस का ज्ञान मिल गया है और मुझे पूरी उम्मीद है की अब अबसे कोई ये प्रश्न पूछेगा की आउटपुट डिवाइस क्या होते है और यह कैसे काम करते है तो आप अच्छे से समझा पायंगे और उसको पूर्ड जानकारी दे पायंगे।
कंप्यूटर मे बहुत सरे डिवाइस जोड़े जाते है मगर जिस यंत्र के दुवारे हम कंप्यूटर को इनपुट देते है जैसे कीबोर्ड, माउस, स्कैनर आदि। इन यंत्र दुवारा इनपुट को लेने के बाद यह परिणाम दिखते है वे आउटपुट डिवाइस होते है जैसे हम कीबोर्ड पर लिखने के बाद स्क्रीन पर परिणाम दीखता है इसलिए स्क्रीन को आउटपुट डिवाइस कहते हैं। या फिर जब हम किसी दस्तावेज़ का प्रिंट आउट निकलते है तो इसमे प्रिंटर आउटपुट डिवाइस हैं। अब आप समझ गए होंगे की जो इनपुट करने पर आउटपुट दे वे आउटपुट डिवाइस होता हैं।
आउटपुट डिवाइस के प्रकार
- प्रिंटर
- मॉनिटर (स्क्रीन)
- प्रक्षेपण-यंत्र (प्रोजेक्टर)
- स्पीकर
- हेड फोन्स
१. प्रिंटर
कंप्यूटर द्वारा दस्तावेज़ की जानकारी दी जाने पर प्रिंटर दस्तावेज़ को छापने का काम करता है। कंप्यूटर पर रखा गया दस्तावेज़ सॉफ्टकॉपी कहलाती और वही दस्तावेज़ को प्रिंटर दुवारा छापने पर वे हार्डकॉपी बन जाती हैं। ऑफिस और बड़ी बड़ी कंपनी मे दस्तावेज़ को हार्डकॉपी और सॉफ्टकॉपी के नाम से जाना जाता है। अगर आपसे कोई दस्तावेज़ की हार्डकॉपी मांगे तो आप उस दस्तावेज़ का प्रिंटआउट निकल कर देंगे। प्रिंटर को आप छू सकते है इसलिए यह आउटपुट डिवाइस हैं।
२. मॉनिटर (स्क्रीन)
मॉनिटर से हर कोई परिचित है अगर कंप्यूटर मे कोई काम चल रहा है तो वे हम मॉनिटर के दुवारा देख सकते है। कंप्यूटर की शुरुआत में मॉनिटर बिलकुल टीवी जैसे ही दीखते था परन्तु आज बाजार मे बहुत प्रकार के मॉनिटर मिलते है जैसे एलसीडी, एलईडी और पहले इस्तेमाल होने वाला सीआरटी मॉनिटर जिसको अब बंद कर दिया गया है। जब हम किसी कंप्यूटर मे लिखते है तो वे इनपुट डिवाइस से निकल कर सी पी यू मे जाता है और सीपीयू से निकल कर वे मॉनिटर मे जाता है जिसके जरिये हम देख पाते हैं। अगर अब अभी इस लेख को पढ़ पा रहे है तो वे भी मॉनिटर के जरिये ही पढ़ पा रहे है।
३. प्रक्षेपण-यंत्र (प्रोजेक्टर)
आज स्कूल, कॉलेज और कंपनी मे प्रक्षेपण-यंत्र (प्रोजेक्टर) का इस्तेमाल हो रहा है। अगर अपने किसी प्रोजेक्ट को देखा होगा तो आपको पता होगा की वे काम केसे करता है। मगर जिन लोगो को नहीं पता मै उनको बता दू जैसे एक मॉनिटर काम करता है बिलकुल उसी तरह प्रक्षेपण-यंत्र काम करता है। आपने कंप्यूटर से एक वीजीए तार को जोड़ना होता है जैसे हम मॉनिटर मे जोड़ते है और प्रोजेक्ट आपके कंप्यूटर की स्क्रीन को कॉपी करके सामने लगी दीवार पर दिखा देता है। अभी इसकी कीमत आम लोगों के लिए थोड़ी ज्यादा रहती है इसलिए इसक इस्तेमाल भारत देश मे बहुत कम किया जाता हैं।
४. स्पीकर
सभी लोगों को गाने सुनने का रूचि है और आज भारत के हर घर मे साउंड सिस्टम मिल जाते है। साउंड सिस्टम को कंप्यूटर मदरबोर्ड के साथ एक तार के साथ जोड़ा जाता है जिसकी मदद से साउंड सिस्टम मे ध्वनि डेटा जाता है और साउंड सिस्टम के माधियम से बहार आता है। कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर एक साउंड कार्ड लगा होता है जिससे जब हम कंप्यूटर मे कोई गाना चलते है तो वे साउंड कार्ड के जरिये स्पीकर मे जाता है और हमको वे आवाज सुनाई देती हैं।
५. हेड फोन्स
एक हेड फोन्स स्पीकर की तरह ही काम करते है मगर स्पीकर पुरे घर मे अपनी आवाज फैलते है परन्तु हेड फोन्स से आवाज आपके कानो तक सिमित रहती है। हैडफ़ोन का तार और स्पीकर का तार एक जैसे ही होते है इसलिए आप हेडफोन्स को कंप्यूटर, लैपटॉप और किसी भी फ़ोन के साथ जोड़ सकते है।
आज इस लेख के जरिये हमने आउटपुट डिवाइस के बारे में जानकारी दी है। अब आपको अच्छे से आउटपुट डिवाइस का ज्ञान मिल गया है और मुझे पूरी उम्मीद है की अब अबसे कोई ये प्रश्न पूछेगा की आउटपुट डिवाइस क्या होते है और यह कैसे काम करते है तो आप अच्छे से समझा पायंगे और उसको पूर्ड जानकारी दे पायंगे।
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